शुक्रवार, 13 अगस्त 2010

भोपाल की ढाई सीढ़ी की मसजिद

रमजान का पाक महिना शुरु हो चुका है ...देश और दुनिया भर की मस्जिदों में नमाज पढ़ी जा रही है ..आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं दुनिया की सबसे छोटी मस्जिद जो भोपाल मे स्थित है....इस मस्जिद का शुमार भोपाल की पहली मस्जिद में होता है.....
भोपाल में हमीदिया कॉलेज के पीछे स्थित है ढाई सीढ़ी मस्जिद ...इस मस्जिद को भोपाल की पहली मस्जिद होने का श्रेय प्राप्त है....इसके अलावा यह ऐशिया की सबसे छोटी मस्जिद है...इस मस्जिद के ना्मकरण की भी अलग दास्तान है...कारण इसके निर्माण के वक्त हर चीज यहाँ ढाई बनाई गई हैं ...यहाँ ढाई सीढ़ियाँ हैं ...जिस जगह यह मस्जिद स्थित है वहाँ कमरों की संख्या भी ढाई हैं...इसके अलावा पहले जिस रास्ते से यहाँ आया जाता था वहाँ भी सीढ़ियों की संख्या ढाई ही है...इस किले में पहले पहरा देने वाले सैनिक नमाज अदा करते थे....इस मस्जिद का इतिहास भी तीन सौ साल पुराना है...कहा जाताहै कि जब अफगानिस्तान के तराह शहर से नूर मोहम्मद खाँ और उनके साहब जादे दोस्त मोहम्मद खाँ भारत आए थे....उस वक्त भोपाल में रानी कमलापति का राज था....रानी कमलापति के पति को उनके भतीजों ने जहर देकर मार दिया था ...रानी इस बात से खासी परेशान थीं....उन्होने बदला लेने वाले के लिए एक लाख इनाम की घोषणा कर दी थी...दोस्त मोहम्मद खान ने इस काम को अंजाम दिया ....बदले में रानी ने पचास हजार रुपए नगद और बाकी पचास हजार के लिए तत्कालीन फतेहगढ़ जिसका वार्षिक लगान दस हजार रुपए था ...दोस्तखाँ को दे दिया..और रानी ने उसे अपना पुत्र मान लिया.....दोस्त मोहम्मद खाँ ने इस जगह पर किला फतेहगढ़ का निर्माण कराया...इस किले की नींव का पत्थर काजी मोहम्मद मोअज्जम साहब ने रखा था....किले के पशिचमी दिशा मे स्थित बुर्ज को मस्जिद की शक्ल दी गई ...इस प्रकार सन 1716 में बनी भोपाल की पहली मस्जिद ....बाद में ...बाद में जनाब हमीदुल्ला खाँ ने लोगों के इलाज हितु इसे दान कर दिया और इस किले में लोगों का रहना बंद हो गया.... ...

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